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शिवन्या की रहस्मय कहानी पार्ट 2-


इस कहनी के पहले वाले पार्ट  में आपको अवनि की मौत की कहानी  ओर राज़ ने क्यो जान ली अपनी ही पत्नी अवनि की जिससे वो सबसे ज्यादा पियार करता है। आगे की कहानी पड़ने से पहले पार्ट 1 जरूर देखे ।


Part 1 link - shivanya ki kahani 






Shivanay राज़ का सच बाहर लाना चाहती थी उसने हर कोशिश की राज़ के चेहरे से पर्दा उठाने की पर शिवन्या राज़ का सच सामने लाने में नाकामयाब रही (असल में तो राज़ बेकुसूर था ) लेकिन शिवन्या को जो गलत फहमी हुई थी जो की उसी आदमी या औरत के दुआर पैदा की गई थी जिसने अवनि को उस  कमरे में कैद किया था ओर 2 से 3 बार शिवन्या को भी मारने की कोशिष की थी

शिवन्या का सच आया सामने!!


Shivanya किसी भी तरह  राज़ का सच घर वालो ओर दुनिया के सामने लाना चाहती थी पर वो ला नही पा रही थी क्योकि राज़ बेकसूर था। शिवन्या बस किसी भी तरह राज़ के मुह से सच बुलवाना चाहती थी की राज़ ने ही अवनि की जान ली है
इसलिए ही  शिवन्या राज़ को वही उसी फार्म हाउस लेकर जाती है जहा से ये कहानी  शुरू हुई जहा अवनि की मौत हुई थी (असल में तोह अवनि की कभी मौत हुई ही नही ) ये बात अभी आगे खुलेगा।
शिवन्या ओर राज़ फार्म हाउस के लिए निकलते है वह पहुचकर राज़ शिवन्या से जुड़ी 1 ओर बात बताता है की जब अवनि ओर राज़ यह आये था थ तो सब कुछ इतना अच्छा था हम दोनों ही बहुत खुश थे लेकिन यह जो हुआ  उसने मेरी जिंदगी ही बदल दी इसी जगह मेने अपनी अवनि को खो दिया जिसे में दिल से आज भी पियर करता हु बस अब जो खोना था खो दिया में तुम्हे नही खोना चाहता ।
ये सुनकर शिवन्या अपने दिल में हो सोचती है " हाँ कुछ नही भूली में सब याद है मुझे कैसे हम दोनों कितने खुश थे ओर कैसे आपने इस हाउस में आग लगा दी थी जिससे मेरी मौत हो जाए में मर जाऊ  ओर आप मेरी सारी जायदाद हदपलो ।
हाँ शिवन्या नही अवनि हु में  वही अवनि जिसको मारने की कोशिश की गई थी आपने मार था मुझे लेकिन में मेरी नही बच गई " ये सब अवनि ने अपने मन में सोचा।
अवनि को शान्त देखकर  राज़ अवनि से बोल पड़ता है किया हुआ तुम चुप क्यों हो अवनि कहती है कुछ नही बस थोड़ा अजीब लग रहा था।
दोनों रूममे जाते है ओर वहाँ के बारे में राज़ शिवन्या को बताता है उस फार्म हाउस के बारे में शिवन्या  उसकी बातो को धियान से न सुनकर बस हाँ ओर हु में बात को खत्म कर देती है शिवन्या के तय कर चुकी होती है की वो राज़ को भी इसी फार्म हाउस में जला कर मार डालेगी लेकिन उससे पहले वो राज के मुह से अपनी मौत का सच भी जानना चाहेगी कयो आखिर राज़ ने उसे इतना बाद धोका दिया इतना बड़ा नाटक क्यो किया।




शिवन्या में ली राज़ की जान!!


शिवन्या के मन में बदले की आग बहुत तेज़ी से भड़क रही थी वो अपने उप्पर हुए अत्यचार ओर उस धोके को बर्दास्त नहो कर पा रही थी उसने पूरा इरादा कर लिया था वह राज़ को ऐसी भयंकर मौत देगी ओर उसके मुह से सच क़ुबूल करवाएगी
शिवन्या aka अवनि ने राज़ के मर्डर के लिए कुछ गुंडो को invite किया ओर बहुत तगड़ा प्लेन बनाया जिससे ये मौत मर्डर न लगकर एक हत्सा लगे जैसा उसकी मौत का आजतक लोगो को लगता है।जब वो दोनों डिनर के बाद सोने के किये बेड पर लेटे तभी अवनि ने वहा आग लगा दी आग अचानक तेज़ी से भड़क गई दोनों अंदर ही थे शिवन्या आराम से वह से निकल सकती थी पर वह वहा अंदर ही रही वह राज़ के  मुह से सच सुनने का इंतेज़ार कर रही थी शिवन्या वहा अवनि की जैसी साड़ी ओर उसी की तरह दिखने वाली लड़की को भी बुला कर रखती है जब राज़ को अवनि की धुंदली धुंधली तस्वीर दिखती है तो राज़ अवनि अवनि चिल्लाने लगता है जिस लड़की को अवनि ने नकली अवनि बनाकर बुलाया था वो कहती है किया हुआ राज़ जल रहे हो राज़ थोड़ा चोकता है ओर बोलता है अवनि तुम जिंदा हो नकली अवनि भी कहती है हा देखो तुमने मुघे मारने की पूरी कोशिश की परमे तब भी बच गई ।
ये सुनकर राज़ पूरी तरह चौक जाता है ओर बोलता है में तुम्हे कियो मरना चाहुगा  इतनी देर में वह से अवनि ओर नकली अवनि को बाहर जाना पड़ता है इतनी ही देर में वह आस पास के कुछ लोग राज़ को इस आग से बचा लेते है  ओर हॉस्पिटल में भर्ती कर देते है साथ हो अवनि को भी भर्ती कट देते है वेसे तो अवनि जाली नही होती है पर वो नाटक करती है जिससे किसी को शक न हो।

अवनि तोड़ देगी राज़ को!

राज़ ओर अवनि ठीक होने के बाद घर जाते है घर जाकर राज़ अकेले में शिवन्या से सवाल करता है वह आग कैसे लगी ओर तुमने वहा किया देखा । अवनि बताती है वह आग कैसे लगी में खुद नही जानती ओर मेने भी वह वही देखा जो आपने वह देखा मन वह अवनि को देखा। पर राज़ अवनि को तो तुमने मार दिया था राज़ फर चोकता है ओर अवनि से कहता है किया कहा तुमने! मेने अवनि को मारा? 
शिवन्या- हा आपने मारा । अवनि ने खुद अपने मुह से बोलै आपके सामने की आपने मारने की कोशिश की पर वो मरी नही मुझे लगता है।
राज़ अवनि पर बुरी तरह से भड़क उठता है वो चिल्ल्लाता है ओर अवनि रोने लगती है ओर कमरे से बाहर  चली जाती है।
अवनि बाहर बैठकर रोती है ओर फैसला करती है वो राज़ को अब मारेगी नही उसे अन्दर से तोड़ देगी। वो पियर करने लगा है न मुझसे अब इसी प्यार का में फायदा उठाउंगी । ओर अगले दिन से अपने मकसद को अंजाम देने लगती है वो राज़ के करीब जाती है उससे प्यार करने का नाटक करती है राज़  पूरी तरह से शिवन्या के प्यार में पागल होने लगता है राज़ जब भी शिवन्या के पास जाता या शिवन्या को देखता तो उसे अवनि की बुरी तरह याद आने लगती । वो फैसला करता है अब जो है शिवन्या है अब अवनि तो रही नही  मुझे अपनी जिंदगी शिवन्या के साथ ही बितानी है ये सोचकर  वो अवनि को भुलाने की पूरी कोशिश करता ओर वो कुछ time के बाद अवनि को भुला भी देता है शिवन्या भी अपने मकसद में कामयाब होने लगती।
जब शिवन्या को राज़ पूरी तरह से प्यार करने लगता है शिवन्या किसी ओर के साथ चक्कर चलाने लगती है वो राज़ को जलाने के लिए ये सब करती है। राज़ उसकी इन हरकतों से उस पर गुस्सा भी करता है पर बाद में वो अक्सर  उससे माफी मांग लेता है यह तक बात इतनी ज्यादा बढ़ जाती है की राज़ को अवनि aka शिवन्या  छोड़ने तक की धमकी दे देती है की में आपके साथ अब ओर नही ररह सकती हमारा साथ यही तक था।



किया होगा आगे!
कैसा होगा इस कहानी का अंत!!

राज़ शिवन्या से बहुत प्यार करता था वो वो किसी भी कीमत पर शिवन्या से अलग नही होना चाहत था। पर शिवन्या हर मोके पर उसे दर्द देती।
उसके घर वालो की नजरो में भी शिवन्या ने उसे गलत साबित कर दिया यह तक कंपनी में भी भारी lose हो गया था।
शिवन्या अकसर चाहती की वो राज़ को बताये की वो ही अवनि है पर उसका badla अधूरा न रह जाए इस वजह से वो बार बार बताते से चुप जाती।
दुसरी ओर राज़ की माँ जो असली विलन थी इस कहानी की जिसने अवनि को मारने की कोशिश की थी वो अभी भी बिल्कुल सुरक्षित थी उसके ऊपर किसी को शक नही था। शायद राज़ की मां का सच कभी किसी के सामने न आये।
एक दिन राज़ शिवन्या ने राज़ अपहरण करें की साजिश रची शिवन्या ने राज़ का किडनैप कराया गुंडो से।  ओर उसको  खूब पीटने ओर मारने को कहा। राज़ के बार बार गुंडो से पूछने पर की वो उसके साथ ऐसा क्यो कर रहे है तो गुंडे तो कुछ नही बोलते लेकिन तभी वह अवनि / शिवन्या आ जाती है ओर तेज़ आवाज़ में बोलती है ये सब मेरे कहने पर हो रहा था मेने कराया तुम्हारा किडनैप। राज़ सुनकर चोक उठता है।
ओर अब मेरे ही कहने पर तुम्हारी जान ले लेंगे ये।
राज़ कहता है क्यो की ये मेहरबानी मेरे पर एक ही बार में मार देती मुघे तड़पा तड़पा कर मारने से तो अच्छा था।
धोकेबाज़!!
शिवन्या बोलती है धोकेबाज़ में नही तुम हो तुम ने फार्म हाउस में आग लगाई ओर मुझे जलाकर मारने की कोशिश की लेकिन देखो में बच गई हान में ही अवनि हु जो प्लास्टिक सर्जरी के बाद मुझे ये चेहरा मिला। 
राज़ बोलता है वाह शिवन्या वाह बहुत अच्छे में तुम्हारे इस प्यार को कभी नही भूलुंगा। ये कहकर बस मानो उसकी जान निकल ही रही थी ओर राज़ आखिर में ये बोलकर दम तोड़ता है की  मेने तुम्हे कभी मारने की कोशिश नही की। इतना कहकर  राज़ दम तोड़ देता है ओर वहॉ शिवन्या की आँखे भी नम हो जाती है। ओर वो वह ही उसकी लाश को छोड़कर चलती बनती है एक निरोदोष दुनिया छोड़कर चला जाता है अवनि को भी बाद में जब असली खूनी का पता लगता है तोह वो फुट फुट कर रोती है  इस तरह से इस कहानी का अंत हो जाता है
राहसिये से पर्दा तो उठता है पर बहुत देर में जब, जब कोई जीवन छोर चुका होता है।

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इसे लिखने में बहुत मेहनत लगी है थोड़ा तो आपको सपोर्ट करना चाहिए। 

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